105 सृष्टि भूषण माताजी सत्संग का हुआ पीच्छी परिवर्तन
105 सृष्टि भूषण माताजी सत्संग का हुआ पीच्छी परिवर्तन 
01/11/2024 महबूब खान 
105 सृष्टि भूषण माताजी सत्संग का हुआ पीच्छी परिवर्तन
टीकमगढ़, 01 नवंबर 2024 
   (न्यूज़ फौलादी टाइम्स)
      9893776501
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शहर के सभी जैन मंदिर  में पूरे विश्व को सत्य अहिंसा ,जियो और जीने दो, का संदेश देने वाले 24 में तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2551 में निर्माण महोत्सव पर शहर के ज्ञान मंदिर  पारसनाथ पंचायती मांझ  मंदिर ,बाजार मंदिर, नया मंदिर, अतिशय क्षेत्र पपौरा जी सहित सभी मंदिर में सुबह से ही भगवान का अभिषेक, शांति धारा, पूजन, निर्माण कांड का पाठ होने के पश्चात लाडू चढ़ाया गया। अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र जनता ने बताया कि सभी मंदिर के निर्माण महोत्सव कार्यक्रम के बाद पारसनाथ जैन वैद  मंदिर में विराजमान चातुर्मास कर रही 105 सृष्टि भूषण माता सत्संग जी की भव्य पिच्छी परिवर्तन हुआ। चारों माताजी की पुरानी पि्चछी लेने का सौभाग्य समाज के नियम एवं संयम लेने वालों को प्राप्त हुए एवं समाज के व्यक्तियों ने नई  पिर्छी माता जी को भेंट की।
माताजी ने प्रवचन में कहां की प्रेम के गीत गाओ रोज दीपावली मनाओ, प्रेम और करुणा का पाठ सिखाने वाले महावीर को आना होगा जियो और जीने दो का संदेश से ही हमारा पुराना संवत है तो वीर निर्माण संवत है।
    आप दीपावली पर घरों की सफाई के साथ अपने अंदर की आत्मा की सफाई करो आप सभी महावीर बनने की योजना बनाओ। चातुर्मास साधुओं का नहीं तुम्हारी साधना के लिए होता है‌ महावीर ने तो 9 भव से पुरुषाद करके 10 में भव में निर्माण को प्राप्त हुए हैं। इसलिए ज्ञान के दीपक जलाओ दीपावली के दिन तक उन्होंने जो लक्ष्य किया था, उस लक्ष्य तक पहुंचे वह दीपावली है। आज से हम पांच अणुव्रत का नियम लेंगे, किसी भी सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव की हिंसा नहीं करेंगे तो शुभ दीपावली वही होगी। जब महावीर के सिद्धांत आपके दिल में आएंगे वहीं दीपावली है। आज पिच्छी परिवर्तन नहीं, हृदय परिवर्तन करो, आप समय नहीं दो समयसार वन जाओ , पीच्छी मिलने पर दीवारों पर आप टांग देंगे कांच के केस में लगाओगे पीच्छी वाले साधुओ के साथ चलो तो तुम्हारा भी समोशरण लग जाएगा। इस कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में पुरुष माता बहने एवं ब्रह्मचारिणी बहने शामिल हुई।